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15 अगस्त से पहले रांची में ई-रिक्शा के अवैध परिचालन पर पूर्ण रोक : कोर्ट

15 अगस्त से पहले रांची में ई-रिक्शा के अवैध इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध : कोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची में ई-रिक्शा के अवैध परिचालन को रोकने में विफल रहने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है. राजधानी रांची में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया.

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए ट्रैफिक एसपी रांची को मंगलवार को हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा- सरकार यह सुनिश्चित करे कि 15 अगस्त से पूर्व रांची में अवैध रूप से चलने वाले ई-रिक्शा पर पूरी तरह से रोक लगे। इससे पूर्व कोर्ट को बताया गया कि की शहर में 4 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं। ये वैसे रूट पर भी चल रहे हैं, जो इनके लिए निर्धारित नहीं है। कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि रांची शहर में जाम की स्थिति को देखते हुए अब ई-रिक्शा के निबंधन पर रोक लगाई जानी चाहिए।

नशा के कारोबार पर नियंत्रण के लिए बनाएं एसओपी

झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि अफीम, चरस, गांजा समेत अवैध शराब के कारोबार पर नियंत्रण के लिए एसओपी बनाएं। कोर्ट ने शहर में स्कूल और मंदिरों के निकट हो रहे शराब बिक्री को लेकर डीजीपी और रांची एससपी को निर्देश दिया है कि किसी भी हाल में शराब बिक्री न होने दी जाए। सोमवार को नशा के बढ़ते कारोबार पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि उत्पाद विभाग के साथ-साथ पुलिस की भी यह जिम्मेवारी है कि शहर में अवैध ढंग से शराब की बिक्री न हो। देर रात तक बार एवं रेस्टोरेंट खुला रहने से अप्रिय घटना होने की आशंका ज्यादा रहती है। पीसीआर वैन रात में शराबियों और आपराधिक तत्वों पर नजर रखे। पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) आपसी सहयोग से झारखंड में अफीम की खेती नष्ट करने के लिए कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में जंगलों में अफीम की खेती होती है। सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से पुलिस और एनसीबी को-ऑर्डिनेशन से इसका पता लगाकर इन्हें नष्ट करने की कार्रवाई करे।

इधर, ऑटो व ई-रिक्शा चालकों ने राजभवन के पास दिया धरना

ऑटो चालकों ने सोमवार को झारखंड प्रदेश सीएनजी ऑटो चालक महासंघ के अलावा रांची जिला ऑटो चालक यूनियन और रांची जिला ई-रिक्शा यूनियन के बैनर तले राजभवन के समक्ष धरना दिया। दिनेश सोनी व अर्जुन यादव के नेतृत्व में धरना देने के लिए पहुंचे ऑटो चालकों ने आरटीए द्वारा थोपे गए कानून का विरोध किया। चालकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रमंडलीय कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा। धरना कार्यक्रम में उत्तम यादव, सुनील सिंह, नागेंद्र पांडे, शैलेंद्र वर्मा, सुरेंद्र पांडे, रामकुमार सिंह, सुरेंद्र प्रजापति, पंकज सिंह समेत अन्य लोग शामिल हुए।

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